श्रीकृष्ण
*श्रीकृष्ण*
(छंद - इंद्रवज्रा वर्णिक)
वर्ण, यति - 11, चरण - 4 (2-2, चरण समतुकान्त)
२ × तगण + १ जगण + SS
हे द्वारिकानाथ कृपालु स्वामी l
हे भक्ति आधीन नमो नमामी ll
श्रीकृष्ण संताप,दुखांत कारी l
कंसारि ,पपारि,भ्रमापहारी ll
हे पार्थ के मित्र सदा कृपालू l
हे दीन श्रीहीन सखा दयालू ll
हे पूतनाकाल, अज्ञान नाशी l
हे वासुदेवाय परा प्रकाशी ll
गोविन्द आनंद सुखादि दाता l
संसार के सार कृपा विधाता ll
हे श्याम सत्काम सदा सहारे l
हे "रिक्त"के प्राण प्रभू हमारे ll
© संजी शुक्ला 'रिक्त'
अत्यंत उत्कृष्ट एवं मनोहारी स्तुति 🌺🌺🙏🏼🙏🏼
जवाब देंहटाएंनमो वासुदेवाय 🙏🏼🌺🌺
आभार
हटाएंबहुत सुन्दर 🙏🏻🙏🏻
जवाब देंहटाएंश्रीकृष्ण 🙏
हटाएंबहुत सुंदर 🙏🏻🙏🏻
जवाब देंहटाएं💐💐
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